श्रीमद्भागवत का पठन-पाठन तुरंत लाभप्रदायक है – आचार्य शैलेंद्र
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर की पुरानी अनाज मंडी में श्रीमद् भागवत कथा मंडल के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथाव्यास आचार्य शैलेंद्र शुक्ल ने कहा कि श्रीमद् भागवत का पठन-पाठन तुरंत लाभप्रदायक है। जैसे अग्नि सूखी लकडिय़ों को जलाकर भस्म कर डालती है उसी प्रकार हरिकथा मनुष्य के अनेक जन्मों के पापों का शमन कर डालती है।
कथा सुनने वाले अपना तो कल्याण करते ही हैं, अपने सानिध्य में आने वाले असंख्य जीवों के परम मंगल का साधन भी बन जाते हैं। श्रीमद्भागवत कथा मन की मैल धोती है। भक्तों का जीवन हर्ष व उल्लास से सदैव परिपूर्ण रहता है। प्रेम का पंथ है तो कठिन पर जिसने राम नाम का दीपक जला लिया उसके लिए सरल हो जाता है। सच्चाई तो यह है कि प्रभु का भजन करने वाला प्रभुमय ही हो जाता है। अभी भी समय है कि हम चेतकर प्रभु का भजन करने लगें क्योंकि आत्म कल्याण के लिए मनुष्य शरीर के सिवाय हमें अन्य कहीं अवसर नहीं मिलेगा।
जिसके जीवन में श्रीमद्भागवत की बूंद पड़ी उसके हृदय में आनंद की कोपलें फूट पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे गुरु एवं सच्ची लग्न से होती है प्रभु प्राप्ति होती है। हिरण्याकश्यप की पत्नी को नारद ने रक्षा करके अपने आश्रम में रखा जहां कमाधु ने भक्त प्रहलाद को जन्म दिया। प्रह्लाद की अनुरक्ति भगवान के चरणों में होने के कारण देवऋषि नारद ने प्रह्लाद को शिष्य बना लिया। नारद जी द्वारा दिए गए संस्कार व दीक्षा के प्रभाव से ही प्रह्लाद ने खुद को अपने पिता हिरण्याकश्यप के कोप से बचाया। प्रह्लाद की सच्ची लग्न व निष्ठा के कारण ही प्रभु को नरसिंह बनकर प्रकट होना पड़ा।
इस मौके पर मुख्य रूप से प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति शिवचरण गर्ग, गौशाला अध्यक्ष शिवचरण कंसल, अग्रवाल वैश्य समाज के अध्यक्ष प्रवीन मित्तल, ईश्वर जैन, कुंजबिहारी बिंदलीस, अनिल जिंदल, प्रवीन बंसल, सुभाष मित्तल, कैलास गुप्ता, सुशील जैन, शिवचरण कंसल, दिनेश गर्ग, महावीर बिंदलिस, बृजभूषण गर्ग, विनोद कुमार, शक्ति गुप्ता, सतीश गर्ग व सुशील मित्तल सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।